मारवाड़ी, जिणनै मारवारी भी कैवै है, नै 70 लाख सूं बेसी लोग बोलै है, खासकर भारत रै राजस्थान क्षेत्र रै मांय। राजस्थान रै अलावा मारवाडी गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्यप्रदेश, अर पाकिस्तान रै सिंध प्रांत रै कुछ हिस्सै में मारवाड़ी समुदाय भी बोलै है।
पैली मारवाड़ी री लिखी महाजनी लिपि रो प्रयोग होया करता हा, जिणरौ प्रयोग खासतौर सूं वौपार अर लेखा-जोखा रै काम में हुया करता हा। बगत रै साथै भासा री स्पष्टता अर ध्वन्यात्मक निरूपण रै कारण देवनागरी लिपि मारवाड़ी लिखण री प्रवृति प्रणाली बणगी। मारवाड़ी वर्णमाला मांय 13 स्वर अर 33 व्यंजन रै साथै अतिरिक्त वर्ण है।
मारवाड़ी एक कर्ता-वस्तु-क्रिया (एसओवी) शब्द क्रम रो पालन करै है अर काल, लिंग अर संख्या नै संशोधित करण रै वास्तै प्रत्यय रो व्यापक रूप सूं प्रयोग करै है।
मुगल शासकां रै साथै ऐतिहासिक संपर्क रै कारण इण भाषा माथै संस्कृत, प्राकृत अर अपभ्रंश रै साथै-साथै फारसी अर अरबी रो भी प्रभाव पड़्यो है। भारत मांय भलांई मारवाडी रो राजकोसीय दर्जो नीं है पण राजस्थान मांय सांस्कृतिक संरक्षण अर रोजमर्रा री संप्रेषण सारू आ जरूरी भासा बणी रैयी है।
गैर-मूल भाषी लोगां रै वास्तै, म्हारो ऑनलाइन मारवाड़ी अनुवाद उपकरण अंग्रेजी वाक्यांश अर वाक्यां नै तुरंत मारवाडी में बदलबा रै वास्तै उपयोग में ली जा सकै है। भलांई अनुवाद हमेशा 100% सही नीं हुवै, पण ओ उपकरण आमतौर माथै बरतीजण आळा वाक्यांश, अभिवादन अर सुखद बातां रै वास्तै मददगार है।
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